दहेज हत्या (आईपीसी धारा 304बी) धारा 304बी के अनुसार, दहेज हत्या एक गंभीर अपराध है जिसकी न्यूनतम सज़ा 7 वर्ष की कैद है और यह आजीवन कारावास तक बढ़ाई जा सकती है।

12 Sep 2025 : 20:54 Comments:  Views: 
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दहेज हत्या (आईपीसी धारा 304बी)दहेज हत्या

धारा 304बी के अनुसार, दहेज हत्या एक गंभीर अपराध है जिसकी न्यूनतम सज़ा 7 वर्ष की कैद है और यह आजीवन कारावास तक बढ़ाई जा सकती है।

???? लेकिन कई बार झूठे आरोप भी लगाए जाते हैं। ऐसे हालात में घबराने की बजाय सही कानूनी कदम उठाना ज़रूरी है।

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कब माना जाता है दहेज हत्या?

यदि किसी महिला की मृत्यु शादी के 7 साल के भीतर असामान्य परिस्थितियों (जैसे जलने या शारीरिक चोट से) होती है।

और यह साबित हो कि उसकी मृत्यु से ठीक पहले दहेज की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित या क्रूरता की गई थी।

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सज़ा

दोषी पाए जाने पर कम से कम 7 साल की कैद,

जो आजीवन कारावास तक हो सकती है।

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झूठे मामले में क्या करें?

✔ तुरंत कानूनी सलाह लें – किसी अनुभवी आपराधिक वकील से संपर्क करें जो दहेज मामलों में विशेषज्ञ हो।

✔ सभी सबूत सुरक्षित रखें –

शादी से पहले और बाद में दिए गए उपहारों, पैसे, या संपत्ति के दस्तावेज़।

परिवार/दोस्त/पड़ोसी के लिखित बयान।

कॉल रिकॉर्ड, मैसेज, ईमेल, बैंक स्टेटमेंट।

✔ साक्ष्य अधिनियम 113बी को समझें – अभियोजन को साबित करना होगा कि मृत्यु से ठीक पहले दहेज के कारण उत्पीड़न हुआ।

✔ पुलिस जांच में सहयोग करें – ज़रूरी जानकारी और दस्तावेज़ दें।

✔ कोर्ट में मजबूत पक्ष रखें – अपने वकील की मदद से न्यायालय में स्पष्ट और सटीक तर्क रखें।

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✍️ Dr Anthony Raju

Advocate, Supreme Court

Chairman, Indian National Human Rights Protection Council

???? 8588872001

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